भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स 2975 अंकों की छलांग के साथ 82,400 पर बंद हुआ, वहीं Nifty50 भी 3.82% की बढ़त के साथ 24,900 के पार पहुँच गया। जानें इस बढ़त के पीछे की पूरी कहानी और आगे के संकेत।

नई दिल्ली, 12 मई 2025 — भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर विराम लगते ही देश के शेयर बाजारों में ज़बरदस्त उछाल देखा गया। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 3.74% की तेजी दिखाते हुए 2975 अंकों की जबरदस्त बढ़त के साथ 82,400 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का Nifty50 Index भी 3.82% की बढ़त के साथ 24,900 के ऊपर बंद हुआ।
पिछले कुछ हफ्तों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा था। लेकिन रविवार देर रात दोनों देशों की ओर से तत्काल युद्धविराम की घोषणा होते ही सोमवार की सुबह बाजार ने बड़ी तेजी के साथ शुरुआत की।
Sensex Today
कारोबार की शुरुआत से ही बाजार में मजबूती के संकेत मिले। शुरुआती घंटे में ही सेंसेक्स ने 2000 अंकों से अधिक की बढ़त बना ली थी। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, निवेशकों की खरीदारी बढ़ती गई, खासकर बैंकिंग, ऑटो, और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में।
विश्लेषकों का मानना है कि युद्धविराम से Geopolitical जोखिम कम हुए हैं, जिससे विदेशी और घरेलू दोनों ही निवेशकों ने भारी मात्रा में खरीदारी की।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- टेक्नोलॉजी सेक्टर में दिगज कंपनी TCS, INFY, HCLTECH, TECHM में 5% से ज्यादा की बढ़त देखि गई।
- बैंकिंग सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखी गई, ICICI Bank और AXIS Bank के शेयरों में 4% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और मेटल्स सेक्टर ने भी मजबूती दिखाई, क्योंकि युद्धविराम के बाद अब सरकारी खर्च और निर्माण कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।
आगे की राह
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में युद्धविराम स्थिर रहता है और दोनों देशों के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ती है, तो शेयर बाजार में और भी तेजी देखी जा सकती है। साथ ही, आगामी तिमाही नतीजों और मानसून की स्थिति भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा ने निवेशकों एक नै उम्मीद दी है। यह साफ है कि बाजार अछि खबरों को तुरंत सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया देता है। अब हर एक निवेशकों नजर इस बात पर होंगी कि क्या यह युद्धविराम स्थायी साबित होता है या फिर यह कुछ समय के लिए राहत मात्र है।